शिमला। प्रदेश के मुख्य सचिव 1982 बैच के आईएएस अधिकारी विनीत चौधरी और उतरा खंड काडर के चर्चित आइएफएस अधिकारी मैग्सेसे अवार्डी संजीव चतुर्वेदी के बीच रार थमने का नाम नहीं ले रही है। राजधानी की एक अदालत ने मुख्य सचिव विनीत चौधरी की निजी शिकायत पर संजीव चतुर्वेदी के खिलाफ जमानती वारंट जारी किए है व मामले की अगली सुनवाई 19 अप्रैल को होनी है। यह जमानती वारंट अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडधिकारी अमनदीप सिंह ने जारी किए है।
जानकारी के मुताबिक बीते साल विनीत चौधरी ने एसीजेएम की अदालत में संजीव चतुर्वेदी पर मानहानि की शिकायत की अर्जी दाखिल की थी। अदालत ने इस पर संज्ञान लिया और चतुर्वेदी को सम्मन जारी किए थे। बीते रोज विनीत चौधरी सुनवाई के मौके पर खुद अदालत में हाजिर थे।
उन्होंने अदालत में शिकायत कर रखी है कि संजीव चतुर्वेदी ने देश भर के विभिन्न संस्थानों सीबीआई] सीवीसी के अलावा मंत्रियों और उच्चाधिकारियों को उनके खिलाफ शिकायती चिटिठयां भेजकर उनकी मानहानि करने का प्रयास किया है। इन चिटिठयों में उनके खिलाफ संगीन आरोप लगाए गए है। इस शिकायत के साथ चौधरी ने कई चिटिठयों को भी संलग्न किया है।
मुख्य सचिव विनीत चौधरी ने कहा कि चतुर्वेदी के खिलाफ जमानती वारंट जारी हुए है व अगली सुनवाई 19 अप्रैल को है।
याद रहे है कि जब विनीत चौधरी दिल्ली में एम्स में तैनात थे तो संजीव चतुर्वेदी ने उनके खिलाफ कई मामले उजागर किए थे। तब चतुर्वेदी एम्स में मुख्य विजीलेंस अधिकारी के पद पर तैनात थे! ठन शिकायतों में से कई सीबीआई व सीवीसी तक गई । इन मामलों में मोदी सरकार में स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नडडा का नाम भी सुर्खियों में रहा।
अब यह रार दोबारा शुरू हो गई है। चौधरी सितंबर में सेवानिवृत हो जाने हैं। चतुर्वेदी इन दिनों उतराखंड सरकार के वन विभाग में तैनात है।
उनका काडर पहले हरियाणा था। भ्रष्टाचार के मामलों को उजागर करने के लिए देश भर में मशहूर युवा आईएफएस संजीव चतुर्वेदी हरियाणा वन विभाग में भ्रश्टाचार के मामलों को उजागर करने के बाद चर्चा में आए थे। तब से लेकर अब तक वह दर्जनों मामले उजागर कर चुके है।
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