शिमला। रोहतांग से लेह लददाख तक सेना के लिए रास्ताच आसान करने वाली व सामिरक महत्व। की अटल टनल को राष्ट्रख के लिए समर्पित करने हिमाचल पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लददाख में देश की जमीन कब्जाने वाले पड़ोसी देश चीन का नाम अपने भाषण में एक बार भी नहीं लिया। अलग –अलग स्था नों पर तीन सभाएं संबोधित की लेकिन चीन का जिक्र एक बार भी नहीं किया। समझा जा रहा था कि लेह लददाख तक आसान व बारह महीने तक रास्ता बनने वाली इस सुरंग के उदघाटन के मौके पर चीन को लेकर वह हुंकार भरेंगे लेकिन वह खामोश रहे।
उन्होंरने पूर्व की कांग्रेस सरकार पर जरूर हमला बोला कि सामरिक महत्वआ की परियोजनाओं को उसने हमेशा लटकाए रखा। उन्होंकने इस सुरंग का शिलान्या्स करने वाली यूपीए की अध्योक्षा सोनिया गांधी को भी अपने भाषण से गायब कर दिया। हालांकि जिक्र तो हाथरस कांड का भी नहीं हुआ जिसकी उम्मीअद की जा रही थी।
पूर्व मुख्यसमंत्री शांता कुमार,प्रेम कुमार धूमल व भाजपा सांसद जगत प्रकाश नडडा जैसे प्रदेश के पार्टी के धुरंधरों की गैरमौजूदगी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 69 राष्ट्री य राजमार्गो की लटक गई परियोजनाओं को लेकर भी कुछ नहीं बोला। प्रदेश के अपने पिछले तमाम दौरों की तरह ही प्रधानमंत्री मेादी इस बार भी मुख्यामंत्री जयराम ठाकुर को झुनझुना ही थमा गए।हालांकि इस बार उम्मीद की जा रही थी कि वह कुछ न कुछ घोषणा जरूर कर जाएंगे। लेकिन प्रदेश की जनता को इस बावत निराशा ही हाथ लगी।बहरहाल कांग्रेस पार्टी ने जरूर इसे लेकर प्रधानमंत्री पर तंज कसा है।
इस मौके पर उन्हों ने पूर्व मुख्यरमंत्री प्रेम कुमार धूमल और उनके बड़े – बेटे केंद्रीय राज्यर वित मंत्री अनुराग ठाकुर का जिक्र अपने भाषण में जरूर किया। उन्होंेने अपने भाषण में अनुराग ठाकुर को हिमाचल नू छोकरा कह कर पुकारा। याद रहे संसद में कांग्रेस सांसद व लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने अनुराग को ‘कहां से आ गया हिमाचल का छोकरा’ कह कर पुकारा था। इससे अनुराग ठाकुर ने खुद अपमानित महसूस किया था। लेकिन मोदी ने आज उन्हें हिमाचल नू छोकरा लाड से कह डाला।
धूमल व अनुराग के लिए प्रधानमंत्री मोदी का ये लाड़ प्रदेश की राजनीति में आगे क्यास गुल खिलाएगा ये देखना दिलचस्पं होगा।
अपने भाषण में एक जगह वह यह कह गए कि इस सुरंग बनने से हिमाचल की करोड़ों जनता की दशकों से चली आ रही मांग पूरी हो गई । यह दीगर है कि हिमाचल की आबादी 72 लाख ही है। संभवत: करोड़ों की जगह लाखों बोलना चाहते होंगे।
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