शिमला।शुरू में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सबिंत पात्रा व मोदी सरकार में कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद जैसे दिग्गजों को प्रदेश की वीरभद्र सरकार से हिसाब मांगने के लिए चलाया गया अभियान उतार पर आ गया हैं।
अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि हिसाब मांगे हिमाचल के तहत चौथी कांफ्रेंस भाजपा के किसी बड़े नेता ने नहीं पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के छोटे पुत्र अरुण कुमार धूमल से करवाई।भाजपा में अंदरखाते क्या चल रहा हैं ये इस बात से जाहिर हुआ कि इस कांफ्रेंस में शिमला के विधायक सुरेश भारद्वाज ने भी शिरकत करनी थी। लेकिन उन्होंने इससे परहेज किया। ये दिलचस्प हैं।उनका आधा घंटा इंतजार भी किया गया लेकिन वो तब आए जब अरुण धूमल प्रेस कांफ्रेस कर चुके थे।
शिमला में इन दिनों भाजपाइयों के एक खेमे ने भारद्वाज के खिलाफ टिकट न मिलने का प्रचार चला रखा हैं व कहा जा रहा हैं कि इस खेमे को धूमल खेमे की शह हैं।
अरुण धूमल ने पहले की तरह मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पर हमला बोला और इल्जाम लगाया कि उनके डमराली के 105 बीघा सेब के बगीचे में साढ़े तीन हजार सेब के वो पौधे लगा दिए गए हैं जिन्हें मिशन फार इंटेग्रेटिड डवलपमेंट ऑफ हार्टिकल्चर के तहत रियायती दरों पर बागवानों के बगीचों में लगाया जाना चाहिए था। उन्होंने दावा किया कि विभाग ने जिन लोगों को कागजों में ये पौधे बेचे दिखाए हैं उनको ये मिले ही नहीं ।इस बावत उन्होंने बातचीत की आडियो की रिकार्डिंग सुनाई व वीरभद्र सिंह के बगीचे में ये 3500 पौधे लगे हैं इस बावत बगीचे में तैनात माली से बातचीत के वीडियो भी चलाकर दिखाया।
जब उनसे पूछा गया कि क्या ये 3500 पौधे वही है जो मिशन के तहत आए हैं तो उन्होंने सीधा जवाब ने देकर कहा कि ये आप बागवानी डायरेक्टर से पूछ लें।उन्होंने इस मामले में संबंधित डायरेक्टर, प्रधान सचिव व मंत्री विद्या स्टोक्स तक से इस्तीफा मांग लिया। याद रहे कि विद्या स्टोक्स के उनके पिता प्रेम कुमार धूमल से बेहतर रिश्ते हैं।
प्रेस कांफ्रेंस में ये भी भंडा फूटा कि जो वीडियो उन्होंने वहां दिखाई वो भाजपा ने अपने स्तर पर नहीं बनाई थी व बल्कि ये किसी पत्रकार का काम था। प्रेस कांफ्रेंस में एक सीनियर पत्रकार ने उक्त पत्रकार की आवाज को पहचान लिया और अरुण धूमल पर सवाल दाग दिया कि ये वीडियो भाजपा ने बनाया है या किसी पत्रकार से ये काम कराया गया हैं। सवाल ये भी उठा कि क्या ये पत्रकार भाजपा के लिए काम कर रहा हैं या अपने संस्थान के लिए ।अरुण धूमल ने इस बावत कहा कि इससे मीडिया को कोई लेना-देना नहीं होना चाहिए।पर सवाल ये है कि भाजपा में किस स्तर पर काम हो रहा हैं।
बहरहाल,उन्होंने दावा किया कि वीरभद्र सिंह के बगीचे में लगे इन पौधों को लेकर उन्होंने एक चिटठी केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन को लिखी है भी उनसे इस मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की हैं। इस चिटठी में उन्होंने लिखा कि मिशन के तहत 30 हजार सेब के पौधे आयात किए गए । उन्होंने इस चिटठी में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का नम नहीं लिखा । इसमें लिखा कि डमराली में एक बेहद प्रभावशाली व्यक्ति के बगीचे में ये पौधे लगा दिए गए है।
भाजपा ने हिमाचल मांग हिसाब अभियान के तहत अभी तक राष्ट्रीय स्तर के नेताओं से संवाददाता सम्मेलन कराए थे। ये पहला सम्मेलन था जो अरुण धूमल से कराया गया जो प्रदेश भाजपा में भी कोई बड़े पदाधिकारी नहीं हैं। वो केवल धूमल के छोटे पुत्र हैं । इस अभियान में राष्ट्रीय स्तर के नेता से सीधे धूमल पुत्र तक पहुंच जाना किसी की समझ में नहीं आ रहा हैं।क्या भाजपा का प्रदेश स्तर का कोई नेता वीरभद्र सिंह के खिलाफ बोलने की हिम्मत नहीं दिखा रहा हैं । अगर कोई बड़ा नेता इस मसले को अलग ढंग से उठाता तो इसकी गंभीरता सामने आती।आडियो -वीडियो का किया गया इंतजाम भी उधार का था।
(1)