शिमला। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की चाहत के खिलाफ लेकिन कांग्रेस आलाकमान के चाबुक के दम पर आज पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने राज्यसभा की एक सीट के लिए नामांकन भर कर राज्यसभा जाने का रास्ता साफ कर दिया ।आनंद शर्मा हिमाचल प्रदेश से तीसरी बार राज्यसभा के के लिए चुने जा रहे है।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू हाल ही में चंबा की अदालत से जमीन कब्जाने के मामले में दोषी ठहराई गई कांग्रेस एमएलए व एआईसीसी की सचिव आशा कुमारी,विद्या स्टोक्स समेत अधिकांश केबिनेट सदस्यों की मौजूदगी मे आनंद शर्मा ने विधानसभा सचिव सुंदर सिंह वर्मा को अपना नामांकन सौंपा।
नामांकन भरने के मौके पर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि सबसे पहले उन्होंने ही उनके नाम का प्रस्ताव राज्यसभा के लिए प्रस्तावित किया था।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह इस बार राज्यसभा के लिए किसी अपने को भेजना चाहते थे लेकिन आलाकमान के चाबुक के आगे वो नतमस्तक हो गए। आलाकमान ने कपिल सिब्बल और आनंद शर्मा में से किसी एक को राज्यसभा भेजने का आदेश दिया था। जिसे मुख्यमंत्री ने मान लिया। इससे पहले जब जेएनयू कांड के दौरान जेएनयू में छात्रों ने आनंद शर्मा पर हमला किया था तो वीरभद्र सिंह ने उन चुटकी ली थी कि उन्हें ये प्रसाद के रूप में स्वीकार करना चाहिए।
राज्य सभा के लिए नामांकन भरने के बाद आनंद शर्मा ने कूटनीति व अंतरराष्ट्रीय मामलों को लेकर मोदी सरकार पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा कि ये सरकार ऊफा से लेकर लाहौर तक पाकिस्तान के साथ वार्ता करते रहें लेकिन दूसरी ओर आतंकी घटनाएं बंद नहीं हो पाई।
आनंद शर्मा ने धर्मशाला में क्रिकेट मैच को लेकर कूटनीतिक जवाब दिया कि मैच हो या न हो लेकिन शहीदों के परिवारों की भावनाओं का भी सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम राजनीति नहीं खेल रहे है।लेकिन पठानकोट में आतंकी हमला हुआ और जवान शहीद हुए इससे आंखें नहीं मूंदी जा सकती।
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