शिमला। जयराम सरकार के सबसे ताकतवर नौकरशाह अतिरिक्त मुख्य सचिव वित, कार्मिक, पर्यावरण ,योजना प्रबोध सक्से ना को संदेहास्पाद निष्ठा वाले अधिकारी की सूची में शामिल करने के आग्रह के साथ उच्च न्यायालय में दायर अर्जी के मामले में महाधिवक्ता कार्यालय ने इस बावत सरकार से निर्देश मांगें हैं ।
अतिरिक्त महाधिवक्ता ने इस बावत मुख्य सचिव से लेकर विभिन्नि अन्य अतिरिक्त मुख्या सचिवों, प्रधान सचिवों और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक समेत 22 आला अधिकारियों को चिटठी भेजी हैं।
इस बावत अतिरिक्त महाधिवक्ता ने कहा है कि सात सितंबर को संदेहास्प निष्ठा वाली याचिका की सुनवाई उच्च न्यायालय में हुई थी। इस याचिका में बलदेव शर्मा की ओर से दखलकर्ता बनने के लिए अर्जी दाखिल की थी।
बलदेव शर्मा ने अपनी अर्जी में कहा है कि मुख्या सचिव ने दागी अधिकारियों को लेकर उच्च न्यायालय में उपयुक्त विवरण नहीं दिया हैं।
अर्जी में प्रबोध सक्से्ना का हवाला देते हुए कहा गया है कि आइएनएक्स मीडिया घोटाले में सक्से्ना के खिलाफ दिल्ली में सीबीआइ की अदालत में आरोपपत्र दाखिल हो चुका हैं। लेकिन सक्सेना का नाम दागी अधिकारियों की सूची में शामिल नहीं किया गया है।
अतिरिक्त महाधिवक्ता् ने इस चिटठी में लिखा कि इस पर उच्च न्यायालय ने उन्हें मौखिक तौर पर निर्देश दिए कि वह अर्जी में कहीं गई बातों पर कि क्या सक्सेेना के खिलाफ अदालत में मामला चल रहा है या नहीं ,सरकार के निर्देश हासिल करे।
अतिरिक्त महाधिवक्ता ने कहा कि यह अदालत की मौखिक आब्जर्वेशंस थी। आदेश में ऐसा कुछ नहीं कहा गया है। अदालत ने इन निर्देशों को दो सप्ताह के भीतर लेने को कहा था।
उन्हों ने चिटठी में लिखा कि इस चिटठी के साथ वह इमेल के जरिए अर्जी की प्रति भी संलग्न कर रहे हैं। उन्होंंने सरकार के इन तमाम अधिकारियों को सलाह दी है कि उच्च न्यायलय के निर्देशों की पालना की जाए और एक सप्ताह के भीतर महाधिवक्ता के कार्यालय को मांगें गए निर्देशों को साझा किया जा एक ताकि अदालत को इस बवत अवगत कराया जा सके।
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