शिमला। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने बजट सत्र के पहले दिन वर्ष2014-15 के लिये 7753करोड़ 60लाख की अनुपूरक अनुदान मांगें पेश की। जिनमें से 6078 करोड़ 39 लाख गैर योजना स्कीमों, 269 करोड़ 76 लाख रूपये योजना व 1405 करोड़ 4 5 लाख रुपए का केन्द्रीय प्रायोजित स्कीमों के लिए प्रावधान किया गया।
राज्यपाल के अभिभाषण के बाद मुख्यमंत्री ने पूरक अनुदान मांगें पेश करते हुए कहा कि गैर योजना व्यय में 5782 करोड़ 01 लाख राज्य सरकार के अर्थोपाय एवं अग्रिम केे भुगतान, 63 करोड़ 92 लाख पुलिस व इससे संबद्ध संगठन , 55 करोड़ 12 लाख हिमाचल राज्य बिजली बोर्ड को ऋणों पर उपदान , 28 करोड़ 75 लाख सामाजिक सुरक्षा पैंशन, 18 करोड़ 52 लाख 2014 के लोक सभा चुनाव के लिए मतदाता सूचियों के नवीनीकरण व लम्बित दायित्व के लिए, 18 करोड़ 04 लाख ग्र्रामीण विकास के लिए 13वें वित्ता योग व राज्य वित्तायोग के अन्तर्गत, 13 करोड़ 09 लाख शिक्षा और 12 करोड़ 87 लाख रुपए का प्राकृतिक आपदाओं के लिए प्रावधान किया गया
योजना स्कीमों के तहत 51 करोड़ 63 लाख पेयजल और सिंचाई योजनाओं के लिए, 47 करोड़ 62 लाख राज्य हिस्से के रूप में हाइड्रो पावर परियोजनाओं में निवेश हेतु , 32 करोड़ 99 लाख राज्य परिवहन निगम को सहायता अनुदान और बस स्टैंड के निर्माण,29करोड़ 03 लाख अनुसूचित जाति उपयोजना के तहत विभिन्न विभागों के निर्माण कार्यो, 24 करोड़ 50 लाख सडकों और पुलों के रखरखाव और निर्माण कार्यों और 21 करोड़ 70 लाख रुपए का प्रावधान हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय व सर्व शिक्षा अभियान के लिए किया गया।
5केंद्रीय प्रायोजित योजनाओं के तहत इसमें से अधिकतर राशि चालू व नई विकास योजनाओं, जिनके लिये केन्द्र सरकार से इस वर्ष के दौरान धन राशि प्राप्त हुई, के लिये प्रस्तावित हैं । इनमें से 355 करोड़ 43 लाख मनरेगा, 159 करोड़ 07 लाख स्वां नदी के तटयीकरण, 146 करोड़ 92 लाख एनआरएचएम , 117 करोड़ 55 लाख स र्व शिक्षा अभियान, 89करोड़ 12 लाख राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम, 84 करोड़ 40 लाख पी एम जी एस वाई और 42 करोड़ 35 लाख एकीकृत बा ल विकास सेवाओं के लिए प्रस्तावित हैं
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