शिमला। पूर्व सांसद मंत्रियों व विधायकों समेत 40 कांग्रेस नेताओं ने आगामी लोकसभा चुनावों में चारों संसदीय हलकों से कांग्रेस पार्टी से टिकट के लिए दावेदारी जताई हैं। आज आवेदन करने की आखिरी तारीख थी। मंडी से कोई जाना पहचाना नाम सामने नहीं आया हैं। पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने आवेदन ही नहीं किया हैं। जबकि शिमला ,हमीरपुर और कांगड़ा से कई दिग्गजों ने दावेदारी जताई हैं। मंडी संसदीय हलके से सात नेताओं ने टिकट के लिए दावेदारी जताई हैं। इनमें पूर्व मंत्री कर्ण सिंह के पुत्र आदित्य विक्रम सिंह का नाम दिलचस्प हैं। मंडी से वीरभद्र सिंह परिवार से किसी ने आवेदन नहीं किया हैं। अगर इसी सूची में से किसी को टिकट दिया जाना हैं तो आदित्य के नाम पर मोहर लग सकती हैं। आदित्य कुल्लू राजघराने से हैं व इनकी वीरभद्र सिंह के परिवार से रिश्तेदारी हैं। इसके अलावा इस हलके से बुद्धि सिंह ठाकुर,विद्य नेगी,दीपक शर्मा,केशव नायक ,संजीव गुलरिया और केशव कुमार ने दावेदारी जताई हैं। कांग्रेस की ओर से आदित्य सिंह की ओर से आवेदन करने के बाद भाजपा नेता व पूर्व महेश्वर सिंह का कांग्रेस में शामिल होना मुश्किल नजर आ रहा हैं। आदित्य महेश्वर सिंह के छोटे भाई कर्णसिंह का बेटा हैं व कर्ण सिंह की मौत हो चुकी हैं।मौजूदा समय में मंडी हलके से भाजपा के राम स्वरूप शर्मा सांसद हैं।
हमीरपुर संसदीय हलके से 11 दावेदारों ने टिकट की दावेदारी जताई हैं। हमीरपुर संसदीय हलके से भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर को हराना कांग्रेस के लिए चुनौती बनी हुई हैं। वह इस सीट पर पिछल्ले 20 सालों से काबिज हैं। उनके मुकाबले में जिन दावेदारों ने आवेदन कर रखा है वह इतने मजबूत नहीं लग रहे हैं। सुजानपुर से भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर के पिता व पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को विधानसभा चुनावों में हराकर उन्हें मुख्यमंत्री के पद से वंचित करने वाले कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा के पुत्र अभिषेक राणा का इस संसदीय हलके से टिकट के लिए दावा करना दिलचस्प हैं। अभिषेक राणा युवा कांग्रेस के महासचिव व प्रवक्ता थे। उन्हें हाल की में इन जिम्ेदारियों से हटा दिया हैं। राणा को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वीरभद्र सिंह का समर्थन हासिल हैं। इसके अलावा इस संसदीय हलके से पूर्व कांग्रेस विधायक अनिता वर्मा, व जिला बिलासपुर से विधायक रहे बंबर ठाकुर दो बउÞे दावेदारों हें। बंबर ठाकुर भी वीरभद्र सिंह के करीबी हैं। बाकी दावेदारों में कैपटन अमरीक सिंह, सुभाष चंद धटवालिया,गणेश दत भरवाल, विधि चंद लगवाल,विकास कश्यप, कृष्ण कुमार,कर्नल धर्मेंद्र सिंह पटियाल और सुनील शर्मा शामिल हें।
शिमला आरक्षित संसदीय हलके से 15 नेताओं ने दावेदारी जताई है। जिनमें सोलन से मौजूदा कांग्रेस विधायक कर्नल धनीराम शांडिल,कसुम्प्टी से दो बार विधायक रहे सोहन लाल,कसौली से पूर्व सांसद के डी सुल्तानपुरी के बेटे विनोद सुल्तान पुरी और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गंगूराम मुसाफिर प्रमुख हैं। इसके अलावा इस महत्वपूर्ण सीट से सुरेंद्र गर्ग, कांग्रेस नेत्री विद्या स्टोक्स के करीबी अमित नंदा,गुरदयाल सिंह परमार,बुद्धराम आजाद,देवेंद्र सिंह भाटिया,सत्या गाजटा,अश्वनी कुमार,ओम प्रकाश कटारिया,मेघ राज धाजटा,सोहन लाल और आत्मा राम शामिलहैं। धनीराम शांडिल टिकट की इस दौड़ में सबसे आगे हें। जबकि विनोद कुमार सुलतान पुरी भी पिछड़े नहीं हुए हें। लेकिन वह विधायक व सांसद का चुनाव हार चुके हें। कसुम्प्टी विधानसभा से दो बार विधायक बन चुके सोहन लाल शिमला ग्रामीण से हें व उन्होंने वीरभद्र सिंह के पुत्र विक्रमादित्य सिंह को विधानसभा चुनावों में जीताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। ऐसे में अगर वीरभद्र सिंह की दबदबा चला तो उनको भी टिकट मिल सकता है। बाकी गंगू राम मुसाफिर भी विधायक का चुनाव हार चुके हैं। शिमला से वीरेंद्र कश्यप मौजूदा में भाजपा सांसद हैं।
कांगड़ा से पूर्व मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी, पूर्व सांसद चंद्र कुमार और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया आवेदन करने वालों में प्रमुख हैं। पेशे से डाक्टर व मीडिया हाउस चलाने वाले राजेश शर्मा भी कतार में हैं। इसके अलावा कांगड़ा सहकारी बैंक के अध्यक्ष रहे जगदीश सिपहिया,कर्ण सिंह पठानिया और विशाल चमिश्याल ने भी टिकट के लिए दावेदारी की हैं। ठाकुर सिंह भरमौरी,कुलदीप सिंह पठानिया विधान सभा चुनावों में हार चुके हैं। इस संसदीय हलके से पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा और जी एस बाली को भी आवेदन करना था। लेकिन उन्होंने आवेदन नहीं किया हें। पार्टी सूत्रों के मुताबिक जरूरी नहींहैं कि जिन लोगों ने आवेदन किया हैं, उन्हीं में से किसी को अिकट दिया जाए। आलाकमान अपनी ओर से किसी को भी टिकट दे सकता हें।
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