शिमला। राजधानी स्थित इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज में रैगिंग के आरोप में एमबीबीएस सेकंड ईयर के चार छात्रों को कालेज से निलंबित पुलिस में एफआइआर दर्ज कर दी हैं। पुलिस ने एंटी रैगिंग अधिनियम की धारा तीन के तहत मामला दर्ज कर लिया हैं लेकिन खबर लिखे जाने तक किसी भी छात्र को गिरफतार नहीं किया गया ।
रैगिंग को लेकर एक आॅडियो क्लिप भी बाहर आया था। कालेज प्रशासन ने इस आडियो क्लिप की सीडी भी पुलिस को मुहैया करा दी है । पिछल्ले दिनों एमबीबीएस फर्स्ट ईयर के छात्र की रैगिंग की एक अज्ञात शिकायत आई थी। इसके अलावा प्रिसिंपल के कार्यालय में एक बेनाम लिफाफा भी छोड़ा गया था । प्राधानाचार्य रवि शर्मा ने कहा कि जब लिफाफा देखा तो इसमें सीडी थी। इसके बाद कालेज प्रबंधन तुरंत हरकत में आया और मामला
एंटी रैगिंग समिति को सौंप दिया गया। इस समिति में कालेज के अलावा पुलिस व प्रशासन के प्रतिनिधि भी शामिल होते हैं।
इस बावत दो बार बैठकें की गई और आडियो क्लिप का भी संज्ञान लिया। बीते रोज समिति की बैठक में आडियो क्लिप देखने को सुनने के बाद फैसला लिया गया कि मामले को पुलिस के सुपुर्द किया जाए। कालेज प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए रैगिंग करने वाले चारां छात्रों को निलंबित कर दिया है व उन्हें हास्टल से भी निकाल दिया है। चौकी प्रभरी लक्क्ड़ बाजार मदन कुमार ने कहा कि मामला दर्ज कर छानबीन की जा रही
हैं। अभी तक किसी को गिरफतार नहीं किया गया हैं।
याद रहे कि कुछ साल पहले कांगड़ा में स्थित टांडा मेडिकल कालेज में रैगिंग के बाद एक छात्र अमन काचरू की मौत हो गई थी। अमन काचरू के पिता ने इस बावत अदालत का दरवाजा भी खटखटाया था। लेकिन बाद बहुत से दिशा निर्देश जारी किए गए थे। लेकिन इस काचरू मामले में दोषी पाए गए छात्रों की आगे पढ़ाई जारी रखने के लिए पिछल्ली वीरभद्र सिंह सरकार ने मंजूरी दे दी थी। इससे रैगिंग करने वाले छात्र बैखौफ हो गए व
अंदरखाते रैगिंग का यह सिलसिला जारी हैं।
लेकिन अब राजधानी के मेडिकल कालेज का यह नया मामला सामने आया हैं। कायदे से अब तक चारों छात्र गिरफतार हो जाने चाहिए थे। लेकिन पुलिस का कहना है कि पहले वह प्रथम दृष्टया सबूत एकत्रित करना चाहते है। इसके बाद आगामी क ी जाएगी।
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