शिमला।हिमाचल प्रदेेश की जमीन पर भांग की खेती के कारोबार को नेस्तनाबूद करने के लिए सरकार ने 30 हजार बीघा से भांग उखाड़ने का दावा किया है। प्रदेश के सबसे बड़े अफसर चीफ सेक्रेटरी वी सी फारका ने कहा कि जहां से भी कॉल आएगी,सरकार वहां से भांग उखाड़नेे का अभियान चलाएगी। फारका ने कहा जिला सिरमौर के शिलाई व चंबा के तीसा में कांट्रेक्ट फार्मिंग का खुलासा हुआ।वहीं डीजीपी संजय कुमार ने खुलासा किया कि जुलाई तक नशे केे बड़े कारोबारियों केे मनीलांड्रिंग केे तहत 27 लोगों के खिलाफ जांच चल रही है।यहां ये उल्लेखनीय है कि मलाणा में भांग उखाड़ने का काम पुलिस सुरक्षा में किया जा रहा है।
प्रदेश हाईकोर्ट के आदेशों के बाद प्रदेश सरकार के ये बड़े अफसर संकट में हैं।ऐसे में डीजीपी संजय कुमार जानते है किे हाईकोर्ट का डंडा उन पर चलेगा उन्होंने सरकार का बचाव करते हुए सरकार को कटघरेे में खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा कि पिछले साल पुलिस महकमे ने सरकार को स्टेट नारकोटिक्स सेल को मजबूत करने और उसका विस्तार करने का खाका भेजा था,जो सरकार के पास विचाराधीन है।
मायने साफ है कि सरकार ने इस दिशा में कुछ नहीं किया और फाइलेंं सचिवालय में दबी पड़ी है।पुलिस महकमे ने रेंज स्तर पर डीएसपी के पद भरने के अलावा इंटेलीजेंस नेटवर्क को मजबूत करने व स्टाफ को बढ़ाने का प्रस्ताव सरकार को भेजा है।इस प्रस्ताव पर अमलीजामा नहीं पहनाया गया है। डीजीपी बेशक सीधे तौर पर सरकार पर हमला न कर पा रहे हो लेकिन वो कहना यही चाहते है कि बुनियादी ढांचा कमजोर होगा तो कारोबारी पकड़े नहीं जाएंंगे।
ये अलग मसला है कि ये प्रस्ताव व्यावहारिक है या नहीं लेकिन पुलिस महकमे ने इसे सरकार को भेजा है। जाहिर सी बात है कि सरकार के बाबू कागजी कार्यवाही करने में माहिर हैं।उस पर अदालत का दबाव अलग से है।डीजी ने ये भी कहा कि किसी बड़ी गैंग का पता नहीं चला है।इस महीने 51 केस दर्ज किए गए जिसमें दो नेपाली भी शामिल है।
बहरहाल चुनावी साल नजदीक आते और पंजाब में नशे के कारोबार पर मची मारकाट से प्रदेश की वीरभद्र सिंह सरकार खुद को संवेदनशील जाहिर करने की कोशिश में है।सीएम वीरभद्र के सामने पिछले साल ही पुलिस विभाग ने हाथ खड़े कर दिए थे कि वारे अकेले दमपर कुछ नहीं कर सकती और ये अकेले पुलिस विभाग की समस्या नहीं है। इसलिए इस मामले में सोसायटी को आगे आना होगा। इसके साथ ही पुलिस ने स्टाफ भी मांगा था।
सरकार ने स्टाफ तो नहीं दिया लेकिन भांग व अफीम उखाड़ने के लिए अभियान जारी कर दिया। जिसमें महिला मंडलों,युवक मंडलों, पंचायतों, स्वयं सहायता समूहों की सहायता ली गई। अभियान की सफलता पर चीफ सेक्रेटरी फारका ने कहा भी कि महिलाएं इस मामले खुद आगे आईं है व दराटी लेकर उन्होंने भांग की खेती को उखाड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने इन सबकी सराहना की। उन्होंने कहा कि 22 अगस्त से पांच सितंबर तक चले अभियान में डेढ लाख से ज्यादा महिलाओं ने भागीदारी निभाई। सरकार ने अभियान की चंद तस्वीरें भी जारी की।
उन्होंने कहा कि हाइब्रीड किस्म की भांग भी उगाई जा रही है। ये कहां से आई इसका पता लगाया जाएगा
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