शिमला। राजस्व मंत्री का कार्यभार संभालने के बाद जयराम सरकार के सबसे ताकतवर मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने आक्रामक रुख अपनाते हुए प्रदेश के राजस्व अधिकारियों से चाय बागानों में कितनी रजिस्ट्री हुई है व कितने बेनामी सौदे किए गए हैं उसका तहसीलवार पूर्ण ब्योरा तलब कर लियाहै।सूचना तहसील वार उपलब्ध करवाई जाए। जल शक्ति मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर ने प्रदेश के सभी तहसीलदारों व नायब तहसीलदारों से उपमंडलाधिकारी, उपायुक्त, मंडलीय उपायुक्त व वित्त आयुक्त के पास लंबित मामलों का वर्षवार ब्योरा तलब किया है।
उन्होंने अधिकारियों को राजस्व विभाग की कार्यप्रणाली को चुस्त-दुरूस्त करने के निर्देश भी दिए।
उन्होंने विभाग से जीपीएस आधारित मापन और भूलेख प्रबंधन के लिए भारत सरकार से प्रदेश को मिली राशि की रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
ठाकुर ने कहा कि खानदानी हिस्सेदारियों के बंदोबस्त के लिए सरल योजना लाई जाए और भू-राजस्व अधिनियम की समीक्षा कर उसका सरलीकरण किया जाए। उन्होंने कहा कि उर्दू में की जा रही कार्य पद्धति के स्थान पर हिंदी का प्रयोग किया जाए, जिसके लिए एक उप समिति का गठन किया जाना चाहिए।
उन्होंने ग्राम पंचायतों व स्थानीय शहरी निकायों में 2001 से आज तक पंजीकरण के तौर पर मिली राशि की जानकारी उपलब्ध करवाने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि पुराने रिकार्ड के लिए रिटेंशन पालिसी तैयार की जाए ताकि पुराने रिकार्ड से भरे पड़े कार्यालय को खाली किया जा सके।
उन्होंने कहा कि नौतोड़ जमीनों के पट्टे दिए गए हैं लेकिन इनके इंतकाल नहीं हो पाए हैं। ऐसे मामलों की तहसील और उप तहसील के आधार पर पूरी जानकारी उपलब्ध करवाई जाए।
राजस्व मंत्री ने निर्देश दिए कि जमीन हस्तांतरण की शक्तियों का सरलीकरण किया जाए। उन्होंने कहा कि सभी पटवार सर्कल अपने-अपने सर्कल के तहत भूमिहीन या ऐसे परिवार जिनके पास मात्र एक विस्वा जमीन है व जमीन मकान बनाने योग्य नहीं है को ग्रामीण क्षेत्रों में तीन विसवा और शहरी क्षेत्र में दो विसवा जमीन दी जा सके इसकी जानकारी उपलब्ध करवाई जाए।
उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों के पास कितनी-कितनी जमीनें पटवार सर्कलों में हैं और केंद्र सरकार के नाम कितनी जमीनें पटवार सर्कलों में हैंए इसकी रिपोर्ट भी उन्होंने एक महीने के भीतर उपलब्ध करवाने के निर्देश जारी किए ।
उन्होंने कहा कि पनविद्युत परियोजनाएं लगाने के लिए विभिन्न परियोजनाओं को लीज़ पर दी गई जमीनों और पूर्ण हो चुकी परियोजनाओं के पास कितनी जमीनें अतिरिक्त हैं इसकी जानकारी भी एकत्रित की जाए। ब्यास, सतलुज, रावी, यमुना तट पर स्थापित विद्युत परियोजनाओं के लिए प्रदेश की जमीन दी गई है। बीबीएमबी, चमेरा, पौंग डैम इत्यादि क्षेत्र में ऐसी भूमि जो अब परियोजना के पूर्ण होने के बाद उपयोग में नहीं लाई जा रही है और कितनी जमीन सरप्लस है इसकी रिपोर्ट भी उन्होंने तलब की है।
राजस्व मंत्री ने उपायुक्तों को निर्देश दिए कि पूरे प्रदेश में सर्कल रेट की समीक्षा की जाए। उन्होंने उपायुक्त मंडी को निर्देश दिए कि बल्ह क्षेत्र में बनने वाले हवाई अड्डे पर विशेष ध्यान दिया जाए। धारा 118 को पूर्ण रूप से पारदर्शी बनाने में आनलाइन सिस्टम अपनाया जाए। विभिन्न परियोजनाओं की स्थापना से प्रदेश के डैम विस्थापितों और राजस्व विभाग में खाली पड़े विभिन्न पदों की जानकारी उपलब्ध करवाई जाए।
महेंद्र सिंह ठाकुर ने लोगों को सुविधा प्रदान करने के लिए विभाग में क्या-क्या सुधार किए जा सकते हैं, इस संबंध में भी सुझाव मांगे हैं।
(2)