शिमला।प्रदेश में दो अलग अलग हादसे में साढ़े तीन साल के एक बच्चे व तीन महिलाओं समेत यात्री मौत के मुंह में समा गए। एक हादसा सिरमौर के राजगढ में तो दूसरा शिमला के छैला के समीप हुआ है। सिरमौर जिला में हुए हादसे में बस के नीचे दबी दो लाशों को जेसीबी का सहारा लेकर निकालना पड़ा। जेसीबी से बस को पलटाया गया फिर बुरी तरह से बस में बस फंसी लाशों को जैसे कैसे निकाला जा सका। लाशों की इतनी बुरी हालत थी कि उन्हें पहचानना मुश्किल था। पुलिस ने तलाशी लेकर मिले कागजातों व अन्य मिली सामाग्री के आधार पर शिनाख्त कर उनके परिजनों को मौके पर बुलाया। जबकि जिला शिमला के छैला में हुए हादसे में एक ही परिवार के छह लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। इस हादसे में कोई नहीं बच नहीं पाया।
सुबह पौने नौ बजे के करीब जिला सिरमौर के मानवा से सालन के लिए यात्रियों से भरी निजी बस पझौता के समीप भूण नामक जगह पर सड़क से नीचे लुढक गई व इसमें छह यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि दो ने सोलन के क्षेत्रीय अस्पताल में दम तोड़ा। हादसा हो जाने के बाद स्थानीय लोगों ने सभी घायलों को सड़क में पहुंचाकर उन्हें सोलन अस्पताल पहुंचाया। जब तक पुलिस मौके पर पहुंची अधिकांश घायलों को गाड़ी में बिठाकर अस्पताल पहुंचाया जा चुका था।
इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची। राजगढ़ थाना के एसएचओ बलवंत कंवर ने बताया कि चार लाशें बस के पास पड़ी थी जबकि दो बस के नीचे दबी थी। इन्हें निकालने के लिए जेसीबी मंगवाई गई व बस पलटा कर इन्हें निकाला गया। बस के चालक की टांग बस में ही फंसी थी उसे भी निकाला गया । छह यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई । जिनमें जिला के हरिपुर धार के दोटू राम (58)कांगड़ा के सुभाष चंद (58),नौहरी की प्रिया(31), राजगढ़ के समीप थानाधार की कौशल्या(48), पझौता के ही एक गांव का उदय राम(49) और वाकनाघाट सोलन के संतोष कुमार जो बस का चालक भी था कि मौके पर ही मौत हो गई थी।
इसके अलावा साढ़े तीन साल के मास्टर आस्तिक पुत्र प्रदीप गांव थानाधार ,राजगढ़ और नारदा(35) गांव द्राबला पझौता ने सोलन के क्षेत्रीय अस्पताल में दम तोड़ा। पुलिस के मुताबिक बस से बहुत से यात्री बीच में ही छिटक गए थे जिसकी वजह से उनकी जान बच गई। कांगड़ा के सुभाषचंद यहां शास्त्री के पद पर कार्यरत थे व वह रिटायर होने वाले थे। पुलिस के मुताबिक वह अपनी सर्विस बुक ले कर जा रहे थे। लेकिन हादसे का शिकार हो गए।
एसडीएम राजगढ़ के आदेशों के बाद छह मृतकों का पोस्मार्टम मौके पर ही कर दिया गया व लाशें उनके परिजनों को सौंप दी गई जबकि दो का पोस्टमार्टम सोलन अस्पताल में हुआ। हादसे की जानकारी मिलने के बाद एसपी सिरमौर से लेकर एसडीएम राजगढ़ ,डीएसपी व बाकी अणिकारी मौके पर पहुंचे । प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को 15-15 हजार और घायलों को 10-10 हजार रुपए फोरी राहत दी है। एसएचओ बलवंत कंवर ने कहा कि हादसे की वजह का पता जांच के बाद पता चलेगा। हालांकि वहां सड़क बहुत चौड़ी थी व हादसा होने की संभावना नहीं थी।
वीडियो बनाते रहे लोग
इतना बड़ा हादसा हो जाने के बाद कई लोग मौके पर वीडियो बनाने में मशगूल रहे। मौके पर लाशें उठाने के लिए जब पहुंची तो कुछ को छोड़ लाश को हाथ लगाने को तैयार नहीं थे। पुलिस के मुताबिक लोग मोबाइल पर वीडियो बनाते रहे। हालांकि कुछ लोगों ने बहुत मदद कर दी व तुरंत जेसीबी ले कर आ गए ।
दूसरे हादसे में जिला शिमला से करीब 25 किलोमीटर दूर छैला के समीप हुए सड़क हादसे में चार पुरुषों व दो महिला समेत एक ही परिवार के छह लोगों की मौत हो गई है।
हादसा सुबह साढ़े दस बजे के करीब छैला के समीप खोल गली के समीप हुआ है।छैला पुलिस के मुताबिक मशोबरा के समीप सुन्नी तहसील के झरोग गांव के लक्ष्मी चंद व उनके परिवार के बाकी लोग सुबह क्यार गांव में मशाणी जगाने जा रहे थे। उनके पारिवारिक संकटों के समाधान के लिए किसी ने उन्हें सलाह दी थी कि वह गांव क्यार में जाकर अपने पूर्वजों की मृत आत्माओं को जगाएं व वही उनके संकटों का समाधान बताएंगे।गांव क्यार में मृत आत्माओं को जगाया जाता है व वहां सैंकड़ों लोग दूर दूर से आते है।
ऐसे में लक्ष्मी चंद, उनके भाई कमलचंद व उनका बेटा जयकिशन के अलावा उन्हीं के परिवार के चेतराम ,तृप्ता और मीरा अपनी जेन कार नंबर एच पी 63बी- 0227 में गांव क्यार की ओर चल पड़े। कार को कमलचंद का बेटा जयकिशन चला रहा था।
जब वह छैला से करीब सात किलोमीटर आगे खोल गली के पास पहुंचे तो जश्किशन का कार पर से नियंत्रण खो गया और कार सड़क से नीचे लुढक कर करीब तीन सौ मीटर खाई में पलटे खाती जा गिरी । हादसे में सभी लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। वह गांव क्यार नहीं पहुंच सके।
हादसे का पता चलने पर स्थानी लोग मौके की ओर दौड़े व खून से लथपथ लाशों को एकत्रित किया। इसके बाद लाशों को सड़क तक पहुंचाने का काम शुरू हुआ। छैला पुलिस के मुताबिक दोपहर बाद तक लाशों को पोस्टमार्टम के लिए ठियोग अस्पताल पहुंचाया जा सका। हादसे के बाद मृतकों के गांव से लोग व उनके रिश्तेदार ठियोग अस्पताल पहुंचे व पूरे गांव मातम छा गया है।
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